NCAP में मिली इन तीन कारों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग! फीचर्स के मामले में है परफेक्ट

NCAP के तहत कई कारों को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। इस रेटिंग के अकॉर्डिंग ये पता लगता है कि सेफ्टी के मामले में कार कैसी है। इसमें मारुति सुजुकी के कई मॉडल सामने आए हैं, जिन्हें फाइव स्टार की सेफ्टी रेटिंग मिली है। ये रिपोर्ट जारी की गई बिजनेस टुडे में जल्द ही इसके बारे में ऑफिशियल डिटेल भी शेयर की जा सकती है, जिसके बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि मारुति की इन कारों की डिमांड तेजी से बढ़ेगी। 

अगस्त 2023 में हुआ था Crash Test Program

अगस्त 2023 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से कारों की सेफ्टी का आकलन करने के लिए भारतीय सड़कों पर Crash Test Program की घोषणा की गई थी। इसके बाद कई कंपनियों ने अपनी कारों को NCAP टेस्ट के लिए भेजा। मारुति सुज़ुकी कंपनी ने भी अपनी पॉपुलर SUV ब्रेजा और ग्रैंड विटारा के साथ प्रीमियम हैचबैक बलेनो को भी इस टेस्ट में शामिल होने के लिए भेजा था। तीनों कारें इस टेस्ट में पूरी तरह सफल रही और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्हें NCAP टेस्ट में 5 स्टार की रेटिंग भी मिली। 

NCAP में कैसे दी जाती है कार को सेफ्टी रेटिंग

NCAP टेस्ट M1 कैटेगरी के व्हीकल पर लागू किया जाता है। कारें जिनका ग्रॉस वेट 3500 किलोग्राम से कम या उसके बराबर है उन्हें इस टेस्ट में शामिल किया जाता है। M1 कैटेगरी में वो व्हीकल्स शामिल हैं जो पैसेंजर को ले जाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसमें ड्राइवर की सीट के अलावा 8 से ज्यादा सीट नहीं होती है।

भारत में NCAP टेस्ट के तहत कारों का मूल्यांकन चाइल्ड प्रोटेक्शन, एडल्ट पैसेंजर प्रोटेक्शन और सेफ्टी एसिस्ट टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख फीचर्स के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। भारत NCAP और ग्लोबल NCAP के टेस्ट के दौरान 64 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर कार को किसी वस्तु या खंबे से टकराकर ये टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के दौरान कार का जैसा प्रदर्शन रहता है वैसी ही रेटिंग्स दी जाती है। 

भारत उन पांच देशों में शामिल है जो NCAP टेस्ट कराते हैं

ग्लोबल NCAP की तर्ज पर ही भारत ने भी NCAP टेस्ट को शुरू किया।  मौजूदा समय में भारत के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन और जापान जैसे देश भी NCAP टेस्ट करते हैं। भारत में तैयार होने वाली कारों की टेस्टिंग पहले ग्लोबल एनसीएपी की तरफ से की जाती थी, लेकिन अब भारत में भी देश की सड़क और ट्रैफिक कंडीशन के हिसाब से NCAP टेस्ट होने लगे हैं, जिसके अनुसार रेटिंग्स दी जाती हैं।