Electric Buses लेंगी डीजल बसों की जगह, जानिए क्या है सरकार का PSM फार्मूला

जैसे ही नई सरकार का गठन होगा डीजल बसों की जगह Electric Buses लाने पर जोर दिया जाएगा। भारी उद्योग मंत्रालय ने एक फार्मूला तैयार किया है जिसके तहत Electric Buses की खरीदारी में होने वाली वित्तीय दिक्कतों से निपटा जा सकेगा। पेमेंट सिक्योरिटी मैनेजमेंट यानी PSM के इस फार्मूले के जरिए इलेक्ट्रिक बस सप्लाई करने वाली कंपनियां को उनके भुगतान की गारंटी दी जाएगी और राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग को भी Electric Buses खरीदने के लिए तत्काल भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस फॉर्मूले के बाद खरीदार और सप्लायर दोनों का फायदा होगा। 

Electric Buses का PSM फॉर्मूला

PSM फॉर्मूला के तहत इलेक्ट्रिक बसों को लाने के लिए 15 राज्यों का डाटा भी तैयार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन 15 में राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और तमिलनाडु शामिल है। PSM फार्मूले का कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया गया है। सूत्रों की माने तो 1 लाख से भी ज्यादा डीजल बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी और इस साल ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसे लाने की कवायद शुरू होगी। 

PSM फॉर्मूला करेगा ट्रांसफर विभाग की दिक्कतों को दूर

ट्रांसपोर्ट विभाग की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि डीजल बस की जगह इलेक्ट्रिक बस की खरीदारी के लिए उसके पास पर्याप्त बजट नहीं है और इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों को इस बात की आशंका रहती है कि उधार में बस देने पर उनका पेमेंट फंस सकता है। मंत्रालय के सूत्रों की माने तो इस संकट का हल निकालने के लिए ही इस फार्मूले को तैयार किया गया है। इस फार्मूले के तहत कंपनी राज्यों के ट्रांसपोर्ट विभाग को Electric Buses सप्लाई करेगी और फिर त्रैमासिक स्तर पर या फिर मासिक स्तर पर किस्त के रूप में ट्रांसपोर्ट विभाग कंपनी को भुगतान करेगा। पेमेंट की गारेंटी उस राज्य की सरकार लेगी जहां Electric Buses खरीदी जा रही हैं। अगर पेमेंट ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से नहीं किया जाता है तो राज्य सरकार की तरफ से भुगतान किया जाएगा और अगर राज्य सरकार भुगतान करने में सक्षम नहीं है तो रिजर्व बैंक आफ इंडिया में मौजूद राज्य सरकार के खाते से बस निर्माता कंपनी को भुगतान किया जाएगा। अब किसी भी कंडीशन में बस निर्माता कंपनी का पैसा फंसेगा नहीं।