NPCI यानि नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से एक नया नियम बनाया गया था, जिसके अनुसार किसी भी थर्ड पार्टी पेमेंट वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन में 30% से अधिक साझेदारी नहीं होगी। अगर किसी पेमेंट वॉलेट की पार्टनरशिप 30% से अधिक होती है तो उसे घटा दिया जाएगा। ये नियम दिसंबर 2022 से लागू किया जाना था लेकिन बाद में थर्ड पार्टी App प्रोवाइडर को 2 साल की और मोहलत दी गई और ये समय सीमा दिसंबर 2024 तक खत्म हो जाएगी। आईए जानते हैं इसके बाद Phone Pe और Google Pay में क्या-क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
दिसंबर 2024 के बाद हटाई जाएगी 30% से ज्यादा की हिस्सेदारी
आंकड़ों की माने तो Phone Pe और Google Pay दोनों ही थर्ड पार्टी ऐप हैं, जिनकी इस समय यूपीआई बेस्ड ट्रांजैक्शन में 85 फ़ीसदी तक हिस्सेदारी है। पेटीएम भी इसी सेगमेंट का सबसे चर्चित एप्लीकेशन है, फिलहाल उसने अभी अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है। Phone Pe और Google Pay को भी इंतजार है कि एनपीसीआई डिजिटल ट्रांजेक्शन में हिस्सेदारी घटाने के संबंध में कोई गाइडलाइन जारी करता है या नहीं।
जोखिम हो जाएगा कम
समाचार एजेंसी की तरफ से मिलने वाली खबरों के अनुसार एनपीसीआई में होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए 30% यूपीआई मार्केट सीलिंग को अप्लाई करने का तरीका बताया जाएगा। इस समय एक तरीका काफी चर्चा में है और वो ये है कि जो पेमेंट एप्लीकेशन 30% से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं वो नए ग्राहक ना जोड़े और ये काम स्टेप बाय स्टेप किया जाएगा, जिस वजह से यूजर्स को भी किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े और एनपीसीआई भी नए नियम को बिना किसी अड़चन से लागू कर पाए।
दिसंबर 2024 के बाद एनपीसीआई की तरफ से कौन सा कदम उठाया जाएगा ये अभी देखना बाकी है, लेकिन ऐसी संभावना है कि आने वाले समय में नए ग्राहक फोन पे और गूगल पे का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।