RBI New Guideline: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में नकदी बचत खातों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के तहत, बचत खाते में नकदी रखने की सीमा और नियमों को स्पष्ट किया गया है। यह नई दिशा-निर्देश बचत खाते कार्यक्रम को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने का प्रयास है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नए निर्देश जारी किए हैं जिसमें बचत खातों में नकदी रखने की सीमा निर्धारित की गई है।
सेविंग अकाउंट में कितना कैश रखना चाहिए, इसकी जानकारी मिलेगी। बैंक खाता होना आजकल बहुत जरूरी है, क्योंकि इसके माध्यम से वित्तीय लेन-देन को आसानी से संभाला जा सकता है। बैंक खातों में विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे बचत खाता, चालू खाता और वेतन खाता, जो अलग-अलग लाभ प्रदान करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइंस (RBI New Guideline)
केश जमा करने की सीमा: सेविंग खातों में नकदी जमा करने की सीमा को आयकर नियमों के अनुसार निर्धारित किया गया है। एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपये तक अपने सेविंग अकाउंट में नकद जमा कर सकता है। अगर इससे अधिक नकदी जमा कराते हैं तो बैंक को आयकर विभाग को सूचित करना होता है।
जब आप अपने खाते में 50 हजार रुपये या उससे अधिक नकदी जमा करेंगे तो आपको अपने पैन नंबर को भी देना होगा। एक दिन में आप एक लाख रुपये तक नकदी जमा करा सकते हैं, लेकिन अगर आप नियमित रूप से नकदी जमा नहीं करते हैं तो यह सीमा 2.50 लाख रुपये तक हो सकती है।
10 लाख की सीमा: अगर आप अपने खाते में 10 लाख की सीमा से अधिक नकदी जमा कराते हैं और उसके स्रोत के बारे में आयकर रिटर्न में संतोषजनक जानकारी नहीं देते हैं, तो आपको स्क्रूटनी का सामना करना पड़ सकता है। इस स्क्रूटनी में पकड़े जाने पर आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। आय के स्रोत के बारे में नहीं बताने पर, जमा राशि पर 60% कर, 25% सरचार्ज, और 4% सेस लग सकता है।
सेविंग अकाउंट्स की कुछ खास जानकारी
हम सभी अपनी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए पैसे बचत खातों में जमा करते हैं। इसकी अधिकतम सीमा तय नहीं होती है, लेकिन अगर खाते में ज्यादा पैसा रखा जाता है और उसके स्रोत का खुलासा नहीं किया जाता, तो आयकर विभाग की नजर पड़ सकती है। अगर स्रोत स्पष्ट है तो कोई डरने की जरूरत नहीं है।
अगर आपके सेविंग अकाउंट में बड़ी राशि है, तो आपको उसे सावधी जमा में कन्वर्ट कर देना चाहिए। इससे आपको उचित रिटर्न मिलेगा, क्योंकि सेविंग खातों में जमा पैसे पर बहुत कम रिटर्न मिलता है। बैंकों में शॉर्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म की स्कीमें होती हैं, जिससे आपके पैसे पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है।