CERT-In देश की जानी-मानी सरकारी एजेंसी है, जिसकी तरफ से माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स के लिए हाल ही में एक नोटिफिकेशन वार्निंग जारी की गई। इस वार्निंग के तहत विंडो 10,विंडो 11 और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के यूजर्स को अलर्ट होने की जरूरत है। साइबर सिक्योरिटी का ध्यान रखने वाली CERT-In एजेंसी को माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट्स में कुछ वल्नेरेबिलिटिज मिली हैं, जिसका फायदा उठाकर स्कैमर्स यूजर्स को निशाना बना सकते हैं। एजेंसी ने इसे डेंजर लेवल के साथ पब्लिश भी किया है।
CERT-In की वार्निंग
CERT-In की तरफ से रिलीज की गई वार्निंग के अकॉर्डिंग माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में बहुत सी वल्नेरेबिलिटिज को नोटिस किया गया है। इसका फायदा Scammers उठा सकते हैं। ऑर्बीट्रेरी कोड को एग्जीक्यूट करके सिक्योरिटी फीचर्स को भी बायपास कर सकते हैं। जिससे टारगेटेड सिस्टम कंप्रोमाइज भी किया जा सकता है।
CERT-In एजेंसी के अनुसार आने वाली वल्नेरेबिलिटिज रिस्ट्रिक्शन एक्सेस की वजह से है। ये थ्रेट मार्क ऑफ़ वेब और प्रोक्सी ड्राइवर में भी प्रेजेंट है, जो मालवेयर को टार्गेटेड सिस्टम में घुसने का रास्ता प्रदान करता है।
इन यूजर्स को अलर्ट होने की है जरूरत
हैकर्स इन खामियों का फायदा उठाते हैं और स्पेशल क्राफ्टेड रिक्वेस्ट भेजते हैंसला, जिसके बाद वो सिस्टम को निशाना बना सकते हैं। आपको बता दे जो यूजर माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, सिस्टम सेंटर, एक्सचेंज सर्वर, माइक्रोसॉफ्ट डायनॉमिक्स, ब्राउज़र, डेवलपर टूल और Azure का इस्तेमाल करते हैं उन्हें अलर्ट रहने की जरूरत है।
एजेंसी की तरफ से दी गई सलाह
CERT-In एजेंसी की तरफ से सभी यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि जल्द से जल्द उन्हें सिक्योरिटी अपडेट्स को इंस्टॉल कर लेना चाहिए। ये सलाह विशेष कर Windows 10 और Windows 11 के यूजर्स के लिए वार्निंग के तौर पर भी दी गई है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज Karnel में मौजूद खामी का फायदा उठाकर हैकर्स सिस्टम को हैक कर सकते हैं। हालाँकि खामियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है लेकिन ये एक हाई रिस्क वार्निंग है, जो एजेंसी ने पहले ही कंपनियों को दे दी थी। जिससे अपडेट रिलीज किया जा सके।