Truecaller ने जारी किया नया फीचर, AI की मदद से स्पैम कॉल्स पर इस तरह लगा सकते हैं ब्रेक

Truecaller: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जमाने में कोई भी दूसरी तकनीक या एप पहले से ज्यादा एडवांस हो रही है. आपके फोन पर किसी भी अनजान नंबर की पहचान बता देने वाला ट्रू कॉलर भी अब इससे अछूता नहीं है. इस एप को भी ज्यादा मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है. ट्रू कॉलर (Truecaller) ने एआई का नया फीचर पेश किया है.

ये फीचर स्पैम कॉल को ऑटोमैटिक तौर पर ब्लॉक करने के साथ ही स्पैमर से बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है. फीचर सिर्फ इसके एंड्रॉइड ऐप पर उपलब्ध है, स्पैम कॉल के लिए एक नया ‘मैक्स’ प्रोटेक्शन जोड़ा गया है. इस फीचर को प्रीमियर फीचर के तौर पर लाया जा रहा है और उन्हीं यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा जो इसके लिए भुगतान करेंगे. यानि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को पैसे खर्च करने होंगे. बता दें कि ट्रू कॉलर ने हाल ही में कॉल रिकॉर्डिंग और AI-पावर्ड ट्रांस्क्रिप्शन फीचर पेश किया था.

कंपनी का अहम बयान

ट्रू कॉलर (Truecaller) में अनुसंधान विभाग के अध्यक्ष कुनाल दुआ ने कहा, कि कंपनी ने स्पैम नंबर की पहचान के लिए बाजार में सैकड़ों एल्गोरिदम की टेस्टिंग की और इसके बाद फीचर को लागू करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया. दुआ ने यह भी बताया कि यूजर्स की फिडबैक के आधार पर तैयार इस फीचर में लगातार सुधार होता रहेगा. हालांकि स्पैम कॉल की पहचान कंपनी किस विधि से करती है इसका खुलासा नहीं किया गया है.

कैसे कर सकते हैं यूज ?

ट्रू कॉलर (Truecaller) के नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर का यूज करने के लिए भुगतान करने वाले यूजर सेटिंग पर जाएंगे. सेटिंग में यूजर को पहले ऑफ और बेसिक के रुप में 2 विकल्प होते थे. ऑफ से स्पैम कॉलर्स की पहचान होती थी लेकिन बेसिक मोड ऑटोमैटिक तौर पर उन नंबरों से कॉल को ब्लॉक कर देता है जिसे ज्यादातर यूजर्स के द्वारा स्पैमर के तौर पर रिपोर्ट किया गया होता है. अब तीसरे टैब के रुप में मैक्स लेबल वाला नया टैब जोड़ा गया है. अगर यूजर्स मैक्स लेबल का चयन करते हैं तो उन्हें एक चेतावनी मिलेगी जो बिजनेस कॉल को ब्लाक करने की होगी. फिर ये ऐप ऑटोमैटिक तौर पर स्पैमर्स की कॉल को ब्लॉक कर देगा.

कितने पैसे खर्च करने होंगे?

एआई (AI) मैक्स ब्लॉकिंग फीचर की सुविधा केवल ट्रू कॉलर (Truecaller) के एंड्रॉइड ऐप पर उपलब्ध है. वजह iOS कॉलर आईडी ऐप्स को स्पैमर स्टेटस को ट्रैक करने या उन नंबर को ऑटोमैटिक तौर पर ब्लॉक करने की सुविधा नहीं देता है. जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इस ऐप की सुविधा लेने के लिए यूजर्स को पैसे खर्च करने होंगे. यूजर्स को महीने में 75 रुपये और सालाना पैक के तौर पर 529 रुपये खर्च करने होंगे.

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